



वरीय अधिकारी स्थिति का जायजा लेने मौके पर पहुंचे
गंडक बराज के ऊपर बने सड़क मार्ग की हालत बद से बद्तर
न्यूज़ डेस्क, बगहा ब्यूरो
नसीम खान ‘क्या’
– अमिट लेख
बगहा, (जिला ब्यूरो)। इंडो नेपाल सीमा पर स्थित अंतर्राष्ट्रीय गंडक बराज के 13 नंबर फाटक का एक तार क्षतिग्रस्त हो गया है। जिससे जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों समेत गंडक बराज की देखरेख करने वाली कंपनी हार्डवेयर एंड टूल्स की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।

अक्टूबर माह में पानी के बढ़ते दबाव और बराज के गेटों की जर्जर हालत ने अभियंताओं की नींद उड़ा दी है। अभियंताओ की माने तो चिंता की कोई बात नहीं है। हालांकि विभाग के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि गंडक बराज का हेल्थ चेक की प्लानिंग पहले से प्रभावित है। रोप के क्षतिग्रस्त की सूचना पर मुख्य अभियंता विनय कुमार सिंह वाल्मीकिनगर में कैंप कर रहें हैं। इस बाबत मुख्य अभियंता ने बताया कि नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में पिछले कई दिनों से हो रही तेज बारिश के कारण गंडक नदी का जलस्तर बुधवार की देर शाम तेजी से बढ़ रहा था। गुरुवार को भी 1.72 लाख पानी डिस्चार्ज किया गया है।बतादें की गेट का संचालन बिजली स्वचालित और मैनुअल तरीके से किया जाता है । सूत्रों की माने तो उस वक़्त बिजली नहीं रहने के कारण उक्त गेट को मैनुअल तरीके से उठाया जा रहा था तभी एक जोर की आवाज हुई और कार्य को रोक दिया गया। जब जांच किया गया तो आयरन रोप क्षतिग्रस्त मिला । हालांकि क्षतिग्रस्त रोप की मरम्मत के आदेश दे दिए गए हैं।रोप लगाने की जिम्मेदारी हार्डवेयर एण्ड टूल्स कंपनी को दी गई है।जिसे जलस्तर कम होने के बाद लगाया जाएगा। वर्तमान में आयरन रोप विभाग के पास उपलब्ध नहीं है जिसे कंपनी कोलकाता से मंगाकर लगाएगी।
गंडक बराज का सड़क मार्ग जर्जर व बद से बदतर :
गंडक बराज के ऊपर बने सड़क मार्ग इंडो नेपाल को इस क्षेत्र से जोड़ता है। जिसकी हालत गत 3 वर्षों से बद से बदतर स्थिति में पहुंच चुकी है लेकिन जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों की संवेदनहीनता से इस ऐतिहासिक गंडक बराज की स्थिति चिंताजनक हो चली है। सड़क के ऊपर बने गिट्टी अपने जगह से उखड़कर सड़क पर ही बिखड़ गई है और जगह जगह बड़े बड़े गड्ढे बन गए हैं । बतादें,गंडक बराज को आधार देने वाले पीसीसी के बेस के ऊपर से आवागमन दोनो देशों बीच किया जा रहा है । वहीं बराज के दो फाटक के बीच लगे लोहे के प्लेट अपने जगह से उखड़ कर गाड़ी का चक्का पड़ने से जोर की आवाज़ करता है। अगर जलसंसाधन विभाग जल्द ही इस तरफ संवेदनशीलता नहीं दिखाती है तो कभी भी बड़े हादसे होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।