जिला ब्यूरो नसीम खान “क्या” की रिपोर्ट :
जानकारी के मुताबिक बगैर किसी रजिस्ट्रेशन के नीम हकीम लम्बे समय से यहाँ प्रशासन क़ो चकमा देकर नीजी क्लिनिक चला रहे हैं जो विगत महीने ऐसी हीं घटना के बाद सील किया गया था
न्यूज़ डेस्क, बगहा पुलिस जिला
नसीम खान “क्या”
– अमिट लेख
बगहा, (ए.एल.न्यूज़)। धनहा थाना क्षेत्र के तमकुहा बांसी मुख्य सड़क किनारे संचालित संजीवनी हॉस्पिटल में आज फ़िर एक प्रसूता की मौत के बाद हंगामा हुआ। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस औऱ मेडिकल टीम नें छानबीन शुरू क़र दिया है। दरअसल मरीज के परिजनों का आरोप है की उन्हें बरगला क़र संजीवनी हॉस्पिटल धनहा में भर्ती कराया गया औऱ फ़र्ज़ी चिकित्सक द्वारा ग़लत तरिके से शैल्य क्रिया के पूर्व ग़लत दवा का इस्तेमाल किया गया ज़ब मरीज की हालत बिगड़ने लगीं तो देख रेख भी नहीं किया गया हालांकि इसके एवज में मोटी रकम वसूल की गईं थीं। यहीं वज़ह है की समुचित इलाज़ के अभाव में तड़प तड़प क़र महिला की जान चली गईं। प्रसव के दौरान महिला की मौत पर बवाल मचा तो अस्पताल छोड़क़र संचालक औऱ चिकित्सक़ समेत सभी कर्मी फ़रार हो गए। जानकारी के मुताबिक बगैर किसी रजिस्ट्रेशन के नीम हकीम लम्बे समय से यहाँ प्रशासन क़ो चकमा देकर नीजी क्लिनिक चला रहे हैं जो विगत महीने ऐसी हीं घटना के बाद सील किया गया था।
इधर मृतका के परिजनों क़ो क्लिनिक संचालक मुआवजा देनें की बात क़र मान मनव्वल में जुटे हैं क्योंकि पुलिस में अब तक किसी नें लिखित शिकायत नहीं की है। बताया जा रहा है की धनहा थाना क्षेत्र के सेमरहवा गाँव के पप्पू यादव की पत्नी पूजा यादव की मौत हुईं है जिसको लेकर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया तभी हॉस्पिटल छोड़क़र सभी कर्मी भाग निकले। लेकिन मृतका की बहन ने 112 नंबर पर पुलिस को फ़ोन क़र घटना की सूचना दी लिहाजा मौके पर पहुंची 112 पुलिस के पीटीसी जय विक्रम ने दल बल के साथ मोर्चा संभाला औऱ धनहा थाना पुलिस क़ो सूचित किया। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों नें हो हल्ला औऱ तोड़ फोड़ शुरू किया तो आक्रोशित लोगो को कार्रवाई का आश्वासन देते हुए मामले को शांत कराया गया, मृत महिला का शव अभी हॉस्पिटल में ही पड़ा हुआ है। इधर पुलिस के साथ मधुबनी दहवा के पीएचसी प्रभारी डॉ आनंद कुमार मौके पर पहुँचे औऱ घटना की पुष्टि करते हुए मामले की जाँच औऱ आगे की कार्रवाई में जुटे हैं। बतादें की लम्बे समय ऐसे संजीवनी हॉस्पिटल का संचालन धनहा समेत रामनगर औऱ बगहा के अलग अलग इलाकों में किया जा रहा है जहाँ सरकारी व डिग्री धारी चिकित्स्कों के नेम प्लेट व बोर्ड लगाकर नीम हकीम मरीजों की जान माल से खिलवाड़ क़र रहे हैं जिसपर रोक लगाने में प्रशासन ख़ासकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह नाकाम है लिहाजा सवाल उठने लाजिमी हैं की क्या एक बंधी बढ़ाई मोटी रकम एमओ आईं सी से लेकर ज़िलें के सीएमओ ऑफिस तक बाबुओ क़ो पहुंचाई जाती है तभी तो ऐसे अस्पताल सील होते हैं औऱ फ़िर ताले खुल जाते हैं औऱ झोला-छाप की मनमानी से उनकी चांदी कट रही है जिसका ज़वाब मिलना अभी बाक़ी है।