



बेतिया से उप-संपादक का चश्मा :
लैंगिक समानता विषय पर प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण की शुरुआत
लैंगिक न्याय की दिशा में जीविका की पहल — दीदी अधिकार केंद्र की कार्यप्रणाली पर प्रशिक्षण आरंभ
पश्चिम चंपारण में शुरू हुआ ब्लॉक जेंडर एंकरों का प्रशिक्षण, 23 प्रखंडों से 46 प्रतिनिधि शामिल
न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण
मोहन सिंह
– अमिट लेख
बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। जीविका पश्चिम चंपारण द्वारा बेतिया में चार दिवसीय “जेंडर इंटीग्रेशन प्रशिक्षण” का शुभारंभ किया गया, जिसमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण एवं गोपालगंज से आए जिला एवं प्रखंड संसाधन सेवी शामिल हुए।

इन प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण में कुल 23 प्रखंडों से 46 ब्लॉक एंकर पर्सन भागीदारी कर रहे है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रतिभागियों को लैंगिक भेदभाव, जेंडर आधारित मुद्दों , बाल विवाह,दहेज उत्पीड़न तथा “दीदी अधिकार केंद्र” की कार्यप्रणाली को लेकर बेहतर समझ पैदा करना है।दीदी अधिकार केंद्र जीविका की एक अभिनव पहल है, जिसके माध्यम से प्रत्येक प्रखंड में महिलाओं को घरेलू हिंसा, बाल विवाह, दहेज जैसी सामाजिक कुरीतियों से लड़ने और सरकारी योजनाओं तक पहुँच बनाने में सहयोग प्रदान करना है।आज इस प्रशिक्षण के पहले दिन का संचालन प्रदान संस्था की जेंडर विशेषज्ञ निधि व्यास, स्पेशलिस्ट जहनावी निगार एवं प्रादेशिक कार्यक्रम प्रबंधक प्रभात कुमार द्वारा किया गया।साथ ही, चाणक्या नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी पटना से अधिवक्ता शिंदिया और उपासना ने महिला अधिकारों से जुड़े कानूनी पक्षों पर सशक्त सत्रों का संचालन किया। साथ ही साथ सहभागियों की शंकाओं का समाधान भी किया गया। पश्चिम चंपारण जिले के प्रबंधक सामाजिक विकास सतीश कुमार ने प्रशिक्षण के दौरान बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल सहभागियों के ज्ञान को समृद्ध करने का माध्यम बनेगा बल्कि लैंगिक न्याय की दिशा में एक ठोस और व्यावहारिक दृष्टिकोण विकसित करने में सहायक साबित होगा।पश्चिम चंपारण जिले का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि जेंडर संबंधी मुद्दों पर महिलाओं को जागरुक करने, जेंडर संबंधी समस्याओं की सुनवाई और उनके समाधान के लिए जिले के 8 प्रखंडों में दीदी अधिकार केंद्र पहले से ही कार्य कर रहा है। इन्होंने यह भी जानकारी दी कि दीदी अधिकार केंद का का संचालन सक्षमा दीदी और और दीदी अधिकार केंद्र कोऑर्डिनेटर बखूबी निभा रही है। इस प्रशिक्षण में पूर्वी चंपारण और गोपालगंज के प्रबंधक सामाजिक विकास भी भाग ले रहे है।