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Post: पुत्र प्राप्ति हेतु 6 को गृहस्थों के लिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

पुत्र प्राप्ति हेतु 6 को गृहस्थों के लिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में बुधवार को श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, इस माह में भगवान विष्णु की खास पूजा करनी चाहिए

दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख
मोतिहारी, (जिला न्यूज़ ब्यूरो)। भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में बुधवार को श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इस माह में भगवान विष्णु की खास पूजा करनी चाहिए। इस बर्ष जन्माष्टमी पर 6 अगस्त को अष्टमी तिथि रात्रि 7/57 बजे प्रारम्भ हो जाएगी जो 7 अगस्त को रात्रि 7/51 बजे तक रहेगी उस समय रोहिणी नक्षत्र का योग रहेगा जो 7 को दिवा 3/7 तक है इसमें गृहस्थाश्रमी जनों के लिए 6 अगस्त बुधवार को रोहिणी नक्षत्र युक्त अर्ध रात्रि व्यापिनी अष्टमी तिथि में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत करना श्रेयस्कर होगा। उसके बाद रोहिणी नक्षत्र 6 को दिवा 2/40 से रहेगा, जो 7 सितंबर तक रहेगा, यह वैष्णवजन हेतु 7 अगस्त को रोहिणी नक्षत्र युक्त व्रत श्रेयस्कर है। जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण को दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक कर पंचामृत अर्पित करना चाहिए। माखन मिश्री का भोग लगाएं। इससे पुत्र रत्न प्राप्त होता है।हर बार की तरह इस बार भी जन्माष्टमी दो दिन मनाई जा रही है। 6 और 7 सितम्बर दोनों दिन जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है। इस वर्ष प्रथम दिन अर्धरात्रि में रोहिणी नक्षत्र का संयोग होने से अर्धरात्रि व्यापिनी अष्टमी तिथि की ही प्रधानता दी जाएगी
दो दिन की होती है जन्माष्टमी
भारत में लोग अलग–अलग तरह से जन्माष्टमी मानते हैं। वर्तमान समय में जन्माष्टमी को दो दिन मनाया जाता है,पहले दिन दैनिक दिनचर्या वाले लोग जन्माष्टमी मानते हैं।अगले दिन साधु -संत जन्माष्टमी मानते हैं।मंदिरों में साधू–संत झूम-झूम कर कृष्ण की अराधना करते हैं। इस दिन साधुओं का जमावड़ा मंदिरों में सहज है।
मन्त्र :- ॐ देवकी सुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं‌ शरणं गत: ।।

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