जिला ब्यूरो संतोष कुमार की रिपोर्ट :
82 सर्वेक्षण कर्मियों को नियोजन पत्र वितरण किया गया
न्यूज़ डेस्क, जिला सुपौल
संतोष कुमार
– अमिट लेख
सुपौल, (ए.एल.न्यूज़)। भूमि सर्वे करके भू अभिलेख को सुगम वह पारदर्शी तरीके से आम जन को मुहैया करने को लेकर सरकार की उच्च प्राथमिकता मे शामिल है। यह उक्त बातें बिहार सरकार के मंत्री मदन साहनी सुपौल पहुंचने के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि विशेष सर्वेक्षण( स्पेशल सर्वे) के लिए अधिनियम 2011 एवं नियमावली 2012 बनाकर सरकार ने 2020 तक राज्य के 20 जिलों में स्पेशल सर्वे का कार्य की शुरुआत की है। इसमें सुपौल जिला भी शामिल है। प्रथम फेज में सुपौल जिले के पांच अंचलों के 252 राजस्व ग्रामों में स्पेशल सर्वे का कार्य आरंभ किया गया।
जिसमें अब तक 161 ग्राम में खानापूरी पूर्ण हो चुकी है। जबकि, 140 में पर्चा वितरण किया जा चुका है और 126 ग्रामों में खतियान का प्रारूप प्रकाशन हो चुका है एवं 44 ग्रामों में अंतिम प्रकाशन की प्रक्रिया की जा चुकी है। सुपौल 2425 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में है। जो 11 अंचलों में फैला हुआ है। 11 आंचल में पूर्व से केवल पांच अंचल में स्पेशल सर्वे का कार्य प्रारंभ किया गया। लेकिन अवशेष छह अंचल जिसमें किशनपुर, सरायगढ़ भपटियाही, निर्मली, मरौना राघोपुर एवं बसंतपुर में प्रथम फेज में स्पेशल सर्वे का कार्य आरंभ नहीं किया जा सका।जो अब होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि 38 जिलों को स्पेशल सर्वे से असंजित करने के लिए सरकार ने 10000 सर्वे कर्मियों की नियुक्ति का निर्णय लिया है। जिसमे सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, कानूनगो, अमीन, लिपिक, सभी पदों पर नियुक्ति की कार्रवाई की गई है। सुपौल जिले में कुल 90 सर्वेक्षण कर्मी विभिन्न कार्यों पर कार्यरत हैं। जिले में कुल 549 राजस्व ग्राम (नगर क्षेत्र छोड़कर) है। जिसमें 252 ग्रामों में पूर्व से स्पेशल सर्वे का कार्य चल रहा है। वर्तमान में आज 82 सर्वेक्षण कर्मियों को नियोजन पत्र वितरण किया गया है। इसमें पांच सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, 14 कानूनगो, 12 लिपिक, 51 अमीन शामिल है। उन्होंने कहा कि संयोजन पत्र वितरण समारोह के साथ ही सुपौल जिले के अवशेष 297 राजस्व ग्रामों में नियमित स्पेशल सर्वे का कार्य आरंभ हो जाएगा। इसी प्रकार बिहार के सभी जिलों में राजस्व ग्रामों के स्पेशल सर्वे का काम प्रारंभ होने जा रहा है। उन्होंने कहा स्पेशल सर्वे का मुख्य उद्देश्य है की भूमि विवाद को समाप्त करना इसके लिए जमीन से संबंधित सभी प्रकार के अभिलेख ऑनलाइन के माध्यम से आम जनता के पहुंच के भीतर उपलब्ध कराना उद्देश्य है।