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Post: जयंती पर अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद को लाल सलाम

जयंती पर अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद को लाल सलाम

बेतिया से उप संपादक मोहन सिंह की रिपोर्ट :

ग्रामीण क्षेत्रीय तांगा चालक कल्याण संघ द्वारा राजदेवड़ी बेतिया में शहीद चन्द्रशेखर आजाद को याद करते हुए माल्यार्पण किया गया

जिसकी अध्यक्षता यूनियन के महासचिव नीरज बरनवाल ने की

संपादकीय डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण 

मोहन सिंह

– अमिट लेख
बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। प॰ चम्पारण ग्रामीण क्षेत्रीय तांगा चालक कल्याण संघ द्वारा राजदेवड़ी बेतिया में शहीद चन्द्रशेखर आजाद को याद करते हुए माल्यार्पण किया गया, जिसकी अध्यक्षता यूनियन के महासचिव नीरज बरनवाल ने की। जन्मदिन को याद करते हुए वक्ताओं ने कहा कि ब्रिटिश हुकूमत की गुलामी से देश को मुक्ति दिलाने के लिए क्रांतिकारियों में शुमार अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद के 118 वें जन्मदिन के अवसर पर क्रांतिकारी सलाम दिया गया ।अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद अपनी बाल्य अवस्था से ही देश की आजादी के लिए ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ जंग छेड़ने का मन बनाया था। 1919 में जलियांवाला बाग कांड जिसमें ब्रिटिश हुकूमत ने हजारों लोगों को गोलियों से मार डाला था। उस घटना का असर चंद्रशेखर आजाद के मन को हिला दिया था । वे गोरी अंग्रेजों की हुकूमत को देश से हटाने के लिए 1920 में महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए । उनका साथ रामप्रसाद बिस्मिल ,सचिंद्रनाथ सानयाल, अशफाक उल्ला ख़ां ,राजेंद्र प्रसाद लाहिरी तथा रोशन सिंह जैसे क्रांतिकारियों से हो गई। 1922 में जब काकोरी कांड हुआ। अंग्रेजों की दलाली करने वाले सामंतों के खिलाफ किसानों द्वारा हमला हुआ। तो महात्मा गांधी को वह पसंद नहीं आया और उन्होंने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया था। जिससे आक्रोशित होकर चंद्रशेखर आजाद अपने साथियों के साथ महात्मा गांधी से अलग हो गए।

फोटो : मोहन सिंह

उन्होंने सचिंद्रनाथ सन्याल के साथ हिंदुस्तान प्रजातांत्रिक सेना नाम का एक दल का गठन किया और उसके माध्यम से उत्तर प्रदेश के इलाके में क्रांतिकारियों की एक मजबूत संगठन खड़ा करने में लग गए। अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव जैसे क्रांतिकारी लाहौर से चलकर कानपुर उनसे मिलने के लिए गणेश शंकर विद्यार्थी के पास पहुंचे। जहां भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद के संगठनों के बारे में विस्तार से चर्चा हुई और राष्ट्रीय स्तर पर क्रांतिकारियों का एक मजबूत दल बनाने पर सहमति बन गई। उसके बाद भगत सिंह का भारत नौजवान सभा दल को नौजवानों का संगठन घोषित कर दिया गया तथा चंद्रशेखर आजाद के हिंदुस्तान प्रजातांत्रिक सेना दल को राष्ट्रीय दल एक संशोधन के साथ घोषित कर दिया गया। जिसमें समाजवाद को शामिल करके हिंदुस्तान समाजवादी प्रजातांत्रिक सेना नाम दिया गया। इसके माध्यम से पूरे देश में क्रांतिकारियों को शामिल कर राष्ट्रव्यापी आंदोलन खड़ा करने का प्रयास शुरू हुआ।
हिंदुस्तान समाजवादी प्रजातांत्रिक सेना की बैठक में चंद्रशेखर आजाद के नहीं चाहने के बावजूद ब्रिटिश असेंबली में बम पटकने का निर्णय लिया गया। जिसका नेतृत्व भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने किया। 8 अप्रैल 1929 को ब्रिटिश असेंबली में बम पटकने के बाद भगत सिंह और बटेश्वर दत्त ने अपनी गिरफ्तारी दे दी ।क्योंकि न्यायालय के मंच पर आजादी के अपने विचारों को रखने के लिए ही यह योजना बनाई गई थी।

जिसका निर्वहन भगत सिंह ने बखूबी किया था ।इस बीच में राजगुरु, सुखदेव जैसे अनेक क्रांतिकारियों की गिरफ्तारी हुई। भगवती चरण वर्मा बम बनाने के क्रम में बम फटने से शहीद हो गए थे। चंद्रशेखर आजाद हथियारों को मंगाने के लिए पैसे की व्यवस्था कर यशपाल को रूस भेज दिए। कुछ पैसे खर्च वास्ते आजाद ने अपने पास भी रख लिए। जसपाल के जाने के ठीक बाद आजाद के मित्र सुखदेव राज इलाहाबाद अल्फ्रेड पार्क में मिलने की सूचना दी। जहां चंद्रशेखर आजाद पहुंच गए। दोनों में वार्ता शुरू हो गई। इसी बीच सीआईडी नॉट बावर बड़ी संख्या में कर्नल गंज थाने की पुलिस के साथ चारों तरफ से चंद्रशेखर आजाद को घेर लिया। गोलियां दोनों तरफ से चली सुखदेव राज को वहां से निकाल देने में आजाद कामयाब हो गए और पूरी मुस्तादी के साथ ब्रिटिश पुलिस कर्मियों से मुकाबला लेते रहे। जब उनके पिस्टल में एक गोली बच गई और वहां से निकल पाना संभव नहीं दिखा तो अंतिम गोली अपने सर पर मारकर हमेशा के लिए शहीद हो गए। जांच के दौरान आजाद के पॉकेट से 5 रूपये मिले थे। वह पैसे जवाहरलाल नेहरु के द्वारा चंदा के रुप में दिए गए थे। आज उस महान अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की जन्मदिन के अवसर पर हम सब उनको क्रांतिकारी सलाम पेश करते हैं तथा बेतिया के राज देवढी स्थित उनके आदम कद प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हैं। उनको याद करते हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन पश्चिम चंपारण जिला ग्रामीण क्षेत्रीय तांगा चालक कल्याण संघ राज देवढी बेतिया ने किया। अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद के आदम कद प्रतिमा पर माल्यार्पण भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की बिहार राज्य सचिव मंडल सदस्य प्रभुराज नारायण राव ने किया। पार्टी के जिला सचिव चांदसी प्रसाद यादव, सीटू के जिला अध्यक्ष वी के नरुला, सचिव शंकर कुमार राव, तांगा चालक कल्याण संघ के सचिव नीरज बरनवाल, राजदा बेगम, मंजूर आलम, बाबूलाल, गुलाम, ललन साह, मंसूर मियां आदि लोगों ने आजाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

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