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Post: विराट रामायण मंदिर के निर्माण को पर्यावरण विभाग से मिला अनापत्ति प्रमाण

विराट रामायण मंदिर के निर्माण को पर्यावरण विभाग से मिला अनापत्ति प्रमाण

विशेष ब्यूरो मोतिहारी सुशांत सिंह की रिपोर्ट : 

अब तक मंदिर स्ट्रक्चर खड़ा करने में 300 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं

एक जानकारी के अनुसार मंदिर निर्माण पर पांच सौ से एक हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे

न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण 

सुशांत सिंह

– अमिट लेख

मोतिहारी, (ए.एल.न्यूज़)। पूर्वी चंपारण के कल्याणपुर कैथवलिया स्थित विराट रामायण मंदिर की नींव निर्माण का कार्य पूरा हो गया है। 3236 भू-गर्भ स्तंभ (पाइल) सौ फीट नीचे तक है। मंदिर के ऊपर के निर्माण का कार्य टाटा इंजी. के सुपरविजन में कराया जा रहा है। इसकी निर्माण एजेंसी संटेक कंपनी है। अब तक मंदिर स्ट्रक्चर खड़ा करने में 300 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। शनिवार को रामायण मंदिर निर्माण कार्य निरीक्षण के उपरांत विराट रामायण मंदिर के सचिव सह पटना हनुमान मंदिर के अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि विराट रामायण मंदिर का निर्माण आगामी 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। जिसका उद्घाटन 2027 के रामनवमी के दिन करने की प्लानिंग है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मंदिर निर्माण को लेकर पर्यावरण विभाग से अनुमति मिल गई है। वहीं महाबलीपुरम से 156 चक्का वाले ट्रक पर शिव लिंग लाने के लिए जिला प्रशासन ने चकिया से कैथवलिया तक रास्ते के कमजोर पुल-पुलिया व सड़कों को दुरुस्त करने को ले आश्वस्थ किया है। पूछने पर बताया कि मंदिर निर्माण पर पांच सौ से एक हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। मंदिर कोष में अगले वर्ष तक खर्च करने के लिए राशि है। जरूरत पड़ने पर सहयोग लिया जायेगा। विश्व का सबसे बड़ा 33 फीट ऊंची शिवलिंग की होगी स्थापना देश की सबसे ऊंची शिखर वाली विराट रामायण मंदिर होगी। जिसकी ऊंचाई करीब 270 फीट होगा। मंदिर में एक हजार आठ सहस्त्र लिंगम की स्थापना होगी। संसार का सबसे बड़ा शिव लिंग यहां स्थापित होगा। जो महाबलीपुरम से आएगी शिव लिंग की ऊंचाई करीब 33 फीट व गोलाई भी 33 फीट होगा। मंदिर में होंगे 2101 खंभा मंदिर के मजबूती के लिए श्री कुणाल ने बताया कि 2101 खंभा मंदिर में होंगे। जबकि अयोध्या के मंदिर में 340 खंभा है। मंदिर के एक ही भवन पर 12 शिखर व 22 अगल-अलग मंदिर होंगे। जिसमें सभी देवी व देवता स्थापित किए जायेंगे। कहा कि मंदिर का कार्य बारिश कमजोर होने के कारण दिन व रात 24 घंटे हो रहा है। ऐसे में उम्मीद है कि निर्धारित समय पर निर्माण कार्य पूरा कर लिया जायेगा।

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