बेतिया से उप संपादक मोहन सिंह की रिपोर्ट :
कई नगर पार्षद कर रहे थे निर्धारित एजेंडे से हटकर करोड़ो के संसाधनों की खरीदारी की मांग
विभागीय आदेश पर महापौर ने दो हफ्ते पूर्व ही दिया है संसाधनों की उपलब्धता, आवश्यकता एवं आबादी के तुलनात्मक अध्ययन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश
कई पार्षद करते देखे गए जनवरी की बैठक में पारित दो सौ से अधिक लंबित योजनाओं की नगर आयुक्त द्वारा धीमी गति से क्रियान्वन के लिए हंगामा
संपादकीय डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण
मोहन सिंह
– अमिट लेख
बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। नगर पार्षदगण की आपसी नोकझोक और अप्रत्याशित हंगामे के बीच सोमवार को आयोजित महापौर गरिमा देवी सिकारिया की अध्यक्षता में हो रही नगर निगम बोर्ड की बैठक अगले आदेश तक के लिए स्थगित हो गयी। गत बैठक की संपुष्टि के पहले प्रस्ताव के साथ ही नगर भवन के सभागार में शोर शराबा और हंगामा शुरू हो गया। नगर आयुक्त शंभू कुमार भी उक्त बैठक खुद के शामिल नहीं हो पाने को आधार बनाकर उक्त बैठक की कार्रवाई को रद्द करने का दबाव बना रहे थे। इसके जवाब में महापौर ने कहा कि उक्त बैठक के नगर उपायुक्त गोपाल कुमार, सिटी मैनेजर अरविन्द कुमार एवं सभी अधिकारी एवं कर्मचारी की विधिवत सहभागिता के साथ बैठक की पूरी कार्यवाही नियमानुसार संपन्न की गई थी। इसकी सुलभ पुष्टि के लिए महापौर श्रीमती सिकारिया ने बैठक की विडियोग्राफी देखने का अनुरोध किया। वही नगर निगम के करीब दर्जन भर पार्षद विभिन्न संसाधनों की खरीदारी की मांग कर रहे थे।तब महापौर ने बताया कि उक्त संदर्भ में विभागीय आदेश के आलोक में विभिन्न उपयोगी संसाधनों की उपलब्धता, जरूरत और आबादी के तुलनात्मक अध्ययन प्रतिवेदन की मांग दो हफ्ते पहले ही नगर आयुक्त से की गई थी। नगर आयुक्त द्वारा इसके लिए कमिटी भी गठित की जा चुकी है। जिसके प्रतिवेदन प्रस्तुत होने पर विभागीय निर्देश लेकर संसाधनों की खरीदारी का निर्णय किया जा सकता है। इस बीच बैठक में शामिल कई नगरपार्षद विगत आठ जनवरी 2024 को संपन्न बैठक में पारित लंबित दो सौ से अधिक योजनाओं पर नगर आयुक्त शंभू कुमार द्वारा अब तक अमल नहीं करने का आरोप लगा रहे थे। महापौर श्रीमती सिकारिया की अध्यक्षता में हो रहे सामान्य बोर्ड की बैठक में अप्रत्याशित हंगामा के कारण आज 23 सितंबर की बैठक की स्थगित किए जाने की घोषणा कर के कार्रवाई को समाप्त घोषित कर दिया गया। महापौर सिकारिया ने बताया कि पार्षद कुणाल राज श्रॉफ, सहमत अली, मोहम्मद एनामुल हक, राजकुमार इत्यादि के द्वारा लगातार बैठकों में हंगामा एवं अवरोध पैदा किया जाता है। महापौर द्वारा यह भी बताया गया कि वार्ड संख्या 8 पार्षद कुणाल राज श्रॉफ एवं 3 पार्षद सहमत अली सहित 7 वार्डो के नालों की सफाई में कर्मचारियों को भुगतान न देकर जमादारों को लाखो का अवैध भुगतान नगर आयुक्त द्वारा किया गया है। यहां तक की वार्ड 3 के नालों की सफाई का भुगतान नगर आयुक्त ने गलत बताकर रोक दिया था, लेकिन बाद में इसी नाले के भुगतान को मिलजुल कर दिया, जिसपर सशक्त स्थायी समिति द्वारा वित्तीय अनियमितता करार देते हुए आपत्ति की थी। 24 पार्षद एनामुल हक के वार्ड के जमादार भी एसपी ऑफिस पार्किंग स्टैंड के बाहर अवैध उगाही करते हुए पाये गए थे, नगर पालिका की जाँच रिपोर्ट में भी अवैध उगाही का खुलासा हुआ था। इन्हीं लोगों द्वारा बेतिया का विकास बाधित करने के लिए सोची समझी साजिश के तहत लगातार बैठक में हंगामा किया जा रहा है। नगर आयुक्त द्वारा नगर निगम चुनाव से ठीक पहले अपने प्रसाशक काल में 8000 की डस्टबिन ₹26500 में, 1 लाख का ई-रिक्शा तीन लाख में, लोहे का 18000 का डस्टबिन 55000 में, 92 लाख का पेंटिंग और 35 लाख का होर्डिंग बिना निविदा कराए हुए कोटेशन के आधार पर कराने पर आपत्ति की गयी। महापौर द्वारा बताया गया कि जिला एवं विभाग स्तर पर नगर आयुक्त द्वारा निगम चुनाव के पहले की खरीदारी के भ्रष्टाचार की जांच चल रही है तो किस प्रकार कुछ पार्षद के कहने पर कई करोड़ की खरीदारी उन्हीं से करा दी जाए। विभाग द्वारा कुछ निकायों के बहुत ज्यादा दर पर लाइट की खरीदारी के कारण ही पूरे बिहार के निकायों में लाइट अधिष्टापन एवं खरीदारी पर रोक लगा दी गई है। महापौर ने बार-बार हो रही स्थगित बैठकों को लेकर दुख जताया एवं एवं पार्षदगण को नसीहत दी कि सदन के अनुसाशन के विपरीत व्यवहार ना करें, इससे निगम का विकास बाधित हो रहा है। जो समय आज निकल जा रहा है वह वापस नहीं आएगा। महापौर ने सदन को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा नियमानुसार ही कार्य संपादित किए जाएंगे।