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Post: जल संसाधन मंत्री बगहा में दो दिवसीय प्रवास पर

जल संसाधन मंत्री बगहा में दो दिवसीय प्रवास पर

बिहार सरकार के जलसंसाधन मंत्री संजय झा बाढ़ व कटावपूर्व सुरक्षात्मक कार्यों का जायजा लेने दो दिवसीय प्रवास पर बगहा और वाल्मीकीनगर पहुंचे हैँ 

✍️ जगमोहन काज़ी, संवाददाता

– अमिट लेख

हरनाटांड, (विशेष)। बिहार सरकार के जलसंसाधन मंत्री संजय झा बाढ़ व कटावपूर्व सुरक्षात्मक कार्यों का जायजा लेने दो दिवसीय प्रवास पर बगहा और वाल्मीकीनगर पहुंचे हैं। इस दौरान वे वाल्मीकीनगर अतिथि भवन में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे और फिर कल सुबह गोपालगंज के लिए प्रस्थान कर जाएंगे। मानसून के दस्तक देने के साथ हीं संभावित बाढ़ व कटाव की समस्या से निपटने के लिए सुरक्षात्मक कार्य पूरे हो चुके हैं। वहीं कुछ तटबंधों पर अभी भी कटावरोधी कार्यों को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। लिहाजा इन कार्यों का जायजा लेने के लिए जलसंसाधन मंत्री संजय झा बगहा और वाल्मीकीनगर के दौरे पर हैं। जहां उन्होंने बगहा से होकर गुजरने वाली गंडक नदी के किनारे हुए सुरक्षात्मक कार्यों का जायजा लिया। बगहा के पारसनगर, आनंदनगर और शास्त्रीनगर जैसे कटावस्थलों पर कराए गए कटावरोधी कार्यों के निरीक्षण के दौरान उन्होंने जलसंसाधन विभाग के वरीय अधिकारियों समेत जिलाधिकारी से बातचीत की और कई दिशा निर्देश दिए। बगहा में निरीक्षण के दौरान एक स्थानीय महिला ने कराए जा रहे कटाव रोधी कार्य के बाबत कटाक्ष करते हुए कहा की सिर्फ मिट्टी की बोरी भरकर लगाने से परसनगर को कटाव से नहीं बचाया जा सकता। हालांकि मंत्री संजय झा इस बात को दरकिनार कर आगे बढ़ते गए। बता दें की बगहा गंडक नदी का निरीक्षण करने के बाद वे वाल्मीकीनगर अतिथि गृह पहुंचे जहां से पड़ोसी देश नेपाल स्थित श्री खोला में चल रहे बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों का जायजा लेने पहुंचेंगे। इसके बाद नेपाल से वापिस आने के बाद अतिथि भवन में जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों समेत जिला के आला अधिकारियों के साथ बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों से संबंधित समीक्षा बैठक करेंगे। बताया जा रहा है की मंत्री संजय झा वाल्मीकीनगर में हीं रात्रि विश्राम करेंगे और फिर गुरुवार की सुबह गोपालगंज के लिए रवाना हो जाएंगे। जहां गंडक नदी किनारे कराए गए कटावरोधी कार्यों का निरीक्षण करेंगे और साथ हीं अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी होगी। निरीक्षण के क्रम में संजय झा ने कहा की जो भी कटावरोधी कार्य किए गए हैं उस बाबत संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली है। उन्होंने कहा की बाढ़ इस इलाके में विकराल रूप तब लेती है जब नेपाल में ज्यादा बारिश होती है और उसके द्वारा गंडक नदी में पानी छोड़ा जाता है। इसके अलावा उन्होंने पत्रकारों को नसीहत देते हुए कहा की गंडक किनारे कोई भी बांध बनता है तो वह सिंक होता है। इसको ज्यादा बढ़ा चढ़ाकर बोलना ठीक नहीं है। किसी भी तरह के खतरे की आशंका से उन्होंने इनकार किया।

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